रानीगंज के विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) संजय गुप्ता और उनके कार्यालय के लिपिक अनिल यादव पर नलकूप कनेक्शन देने के नाम पर 22 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है, और अधीक्षण अभियंता सतपाल मौर्य ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
मामला कसेरुआ निवासी सत्येंद्र सिंह द्वारा अधीक्षण अभियंता से की गई शिकायत से जुड़ा है। सत्येंद्र सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने अपने भाई हरीश के नाम पर नलकूप कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। संबंधित जेई और एसडीओ ने रिपोर्ट तैयार कर दी थी, लेकिन जब सत्येंद्र सिंह एक्सईएन संजय गुप्ता के पास पहुंचे, तो उन्होंने उन्हें अपने लिपिक अनिल यादव के पास भेज दिया, जहां उनसे 22 हजार रुपये की मांग की गई। पैसा न देने पर कनेक्शन नहीं किया गया।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अधीक्षण अभियंता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लिपिक अनिल यादव का ट्रांसफर जेठवारा कर दिया। हालांकि, एक्सईएन संजय गुप्ता के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, जांच कमेटी में एक्सईएन के करीबी को सदस्य बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर से बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। जहां जांच के आदेश देकर कमेटियां बनाई जाती हैं, वहीं सख्त कार्रवाई का अभाव उच्च अधिकारियों की संलिप्तता को दर्शाता है।