प्रयागराज, शाहगंज इलाके में प्राइवेट कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे बिजली मीटर बदलो अभियान के तहत आज स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया। प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी सुबह से ही शाहगंज क्षेत्र में प्रत्येक घर को टारगेट बनाते हुए प्रीपेड मीटर जबरन लगा रहे हैं। वे प्रत्येक घर की फोटो खींचकर भवन स्वामी को यह कह रहे हैं कि उनका मीटर पूरी तरह से खराब हो चुका है और बहुत तेज भाग रहा है। उनके अनुसार, बिजली विभाग ने उन्हें मीटर बदलने के लिए भेजा है।
भवन स्वामियों का कहना है कि उनके मीटर सही हैं और वे नियमित रूप से बिजली का बिल जमा कर रहे हैं, जो प्रतिमाह 600-700 रुपये के आसपास होता है। इसके बावजूद, प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी जबरन मीटर को उखाड़कर नया प्रीपेड मीटर लगाने की कोशिश कर रहे हैं। जब स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया, तो बिजली मीटर लगाने आए कर्मचारी और अधिकारी भाग खड़े हुए। पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
कर्मचारियों ने बताया कि अगर किसी का बिजली का बिल बकाया है, तो उन्हें 4 से 5 महीने का समय दिया जा रहा है ताकि वे अपना भुगतान कर सकें, जिसके बाद प्रीपेड मीटर चालू हो जाएगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब पुराने बिजली के मीटर सही चल रहे हैं और लोग उनका भुगतान कर रहे हैं, तो प्राइवेट कंपनियों द्वारा प्रीपेड मीटर जबरन क्यों लगाए जा रहे हैं? अगर बिजली का मीटर वास्तव में खराब है, तो बिजली विभाग खुद अपना मीटर क्यों नहीं लगा रहा है? प्राइवेट कंपनियों को प्रीपेड मीटर जबरन थोपने का काम क्यों सौंपा गया है?
इस अभियान के कारण स्थानीय निवासियों में असंतोष बढ़ रहा है और वे जवाब मांग रहे हैं कि उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। प्रीपेड मीटर लगाने के इस अभियान ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब बिजली विभाग और संबंधित प्राइवेट कंपनियों को देना होगा।
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