लखनऊ, 22 जून 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान उन्होंने ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के बिल को समय पर जमा कराने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। जिस प्रकार लोग मोबाइल का बिल नियत समय पर जमा करते हैं, उसी प्रकार बिजली का बिल भी तय समय पर जमा करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए विभाग को एक सुदृढ़ मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने स्मार्ट मीटर को ईज ऑफ लिविंग के लिए अत्यंत आवश्यक बताया और जनता को इसके लिए तैयार करने पर जोर दिया। साथ ही, स्मार्ट मीटर की कवायद को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना को तेज गति से अमल में लाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बिजली का बिल सही समय पर और बिना गड़बड़ी के प्रत्येक उपभोक्ता के घर तक पहुंचना चाहिए। मीटर रीडर को इसके लिए जवाबदेह बनाना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने उपभोक्ताओं को ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए, ताकि बकाया बिजली के बिल को जमा करने से मिलने वाली सहूलियत के बारे में उन्हें अच्छी तरह से पता चल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली बिल के नाम पर उपभोक्ताओं को किसी भी स्थिति में परेशान नहीं किया जाना चाहिए। पहले पांच वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया है, अब पूरा जोर क्वालिटी मेनटेन करने पर देना होगा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति के घंटों में बढ़ोत्तरी हुई है। भीषण गर्मी तथा लोकल फॉल्ट को छोड़ दें, तो बीते 15 मार्च से प्रदेश सरकार 24 घंटे बिजली प्रदान करने में सफल रही है। प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है। प्रदेश में 3.45 करोड़ बिजली कनेक्शन हैं, वहीं विगत 02 वर्षों में 30 लाख कनेक्शन बढ़े हैं। वर्ष 2024 में अब तक 70 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि विगत वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा कंज्यूमर टर्नअप शहरी इलाकों में करीब 92 प्रतिशत तथा ग्रामीण इलाकों में 51 प्रतिशत है।
प्रदेश में बिजली बिल का 39 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन, 32 प्रतिशत विभागीय काउंटरों से और 21 प्रतिशत ई-वॉलेट तथा 8 प्रतिशत सीएससी के माध्यम से प्राप्त हो रहा है। ऑनलाइन सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए लोड बढ़ाने से लेकर नाम, पता बदलने तक की सुविधा ऐप के माध्यम से दी जा रही है। साथ ही, बिजली का बिल जमा करने के लिए प्रतिमाह औसतन 7 एसएमएस भी भेजे जाते हैं।
अक्टूबर 2023 तथा फरवरी 2024 में मेंटेनेंस माह मनाया गया, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में अप्रैल, मई और जून माह में बिजली की औसत मांग में बढ़ोत्तरी हुई है। गर्मी के मौसम में सामान्य दिनों में 27 से 28 हजार मेगावॉट की डिमांड होती है, जबकि इन दिनों पड़ी भीषण गर्मी में पीक डिमांड 30,764 मेगावॉट तक पहुंच गई है। बरसात के बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है।
प्रदेश में 5,255 मेगावॉट की 10 इकाइयों को लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा 5,120 मेगावाट की तीन बड़ी परियोजनाएं ओबरा डी, अनपरा ई और मेजा द्वितीय पर भी काम जारी है। प्रदेश में बिजली के ट्रांसमिशन लॉस को न्यूनतम स्थिति में पहुंचाते हुए 3 प्रतिशत पर लाने का कार्य हुआ है।
प्रदेश में नोएडा, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ में विभाग की कई बड़ी परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री सूर्य घर परियोजना के प्रथम चरण में देश में 1 करोड़ जबकि प्रदेश में 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगाने की योजना है। अब तक 16 लाख 97 हजार रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेनटेनेंस के कारण अगर बिजली कटौती की जाती है, तो कब और कितनी देर तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी, इसकी पूर्व सूचना उपभोक्ताओं को प्रदान करना आवश्यक है। इसके लिए सोशल मीडिया का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति संतोषजनक है, लेकिन हमें इसे और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा।
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