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XL कंडोम मांगते ही हो गया तलाक : अरबपति बिजनेसमैन की पत्नी से तलाक की वो कहानी जिसने सबको चौंका दिया!

XL कंडोम मांगते ही हो गया तलाक

ब्रेकिंग न्यूज

  •  27 Mar 2025
  •  शिवंलेख
  •  9 Min Read
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2016 में जब प्रसन्ना शंकर ने वर्कफोर्स मैनेजमेंट कंपनी Rippling की नींव रखी, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह कंपनी एक दिन 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वैल्यूएशन तक पहुंच जाएगी। Rippling एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना, जहां एचआर, आईटी, फाइनेंस से जुड़े सभी डेटा और ऑपरेशंस का वन-स्टॉप सॉल्यूशन मिलता था। अपनी बेजोड़ कारोबारी सोच और मेहनत से प्रसन्ना ने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और एक अरबपति टेक एंटरप्रेन्योर के रूप में खुद को स्थापित किया।

लेकिन हाल ही में प्रसन्ना शंकर का नाम उनकी कंपनी की वजह से नहीं, बल्कि उनके निजी जीवन में आए भूचाल के कारण सुर्खियों में है। उनकी पत्नी दिव्या शशिधर ने उन पर घरेलू हिंसा और रेप के गंभीर आरोप लगाए, जबकि प्रसन्ना ने अपनी पत्नी पर बेवफाई के संगीन आरोप लगाए हैं।

प्रसन्ना शंकर मूल रूप से भारत के तमिलनाडु राज्य से हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) त्रिची से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की। यहीं पर उनकी मुलाकात दिव्या शशिधर से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली। दोनों का नौ साल का बेटा भी है।

करियर में सफलता के बावजूद, उनकी शादीशुदा जिंदगी में धीरे-धीरे दरारें आने लगीं। हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रसन्ना ने एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया कि वह पिछले छह महीनों से अनूप कुट्टी शंकरण नाम के व्यक्ति के साथ रिश्ते में थीं।

सोशल मीडिया पर लगे आरोप: निजी जिंदगी का खुलासा

प्रसन्ना शंकर ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर किए, जिनमें उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी पत्नी की बेवफाई के बारे में अनूप कुट्टी शंकरण की पत्नी से पता चला। उन्होंने बताया कि अनूप की पत्नी ने उन्हें सबूत भेजे, जिनमें होटल बुकिंग्स और व्हाट्सएप चैट्स शामिल थीं।

प्रसन्ना द्वारा सार्वजनिक किए गए कथित व्हाट्सएप चैट में दिव्या अपने प्रेमी अनूप से यह कहती दिख रही हैं कि वह उनके लिए एक्स्ट्रा लार्ज कंडोम खरीदकर रखे। यह संदेश उन्होंने यह कहते हुए भेजा कि वह इसे तुरंत डिलीट कर देंगी। इसके अलावा, एक होटल बुकिंग की डिटेल भी साझा की गई, जिसमें बुकिंग तो अनूप के नाम से थी, लेकिन गेस्ट के ईमेल आईडी में दिव्या का नाम था।

पत्नी के आरोप: घरेलू हिंसा और यौन शोषण का मामला

जब यह मामला सामने आया, तो दोनों के बीच विवाद और गहरा गया। प्रसन्ना ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने तलाक की बात की और दिव्या से सेटलमेंट अमाउंट पर चर्चा की, तो वह नाराज हो गईं। इसके बाद उन्होंने उन पर घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न का झूठा केस कर दिया।

प्रसन्ना के अनुसार, सिंगापुर पुलिस ने इन आरोपों की जांच की और उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। लेकिन इसके बाद कानूनी लड़ाई और जटिल हो गई।

तलाक के साथ-साथ दोनों के बीच बच्चे की कस्टडी को लेकर भी जंग छिड़ी हुई है। प्रसन्ना का आरोप है कि दिव्या ने उनके बेटे को जबरन अमेरिका ले जाकर उन्हें उससे अलग कर दिया। इसके बाद उन्हें अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय बाल अपहरण का मामला दर्ज करवाना पड़ा। कोर्ट ने अंततः दोनों को जॉइंट कस्टडी देने का फैसला किया और साथ ही प्रसन्ना को पत्नी को 9 करोड़ रुपये और हर महीने 4.3 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

लेकिन इसके बावजूद विवाद खत्म नहीं हुआ। समझौते के तहत बच्चे का पासपोर्ट एक कॉमन लॉकर में रखा जाना था ताकि दिव्या उसे फिर से अमेरिका न ले जा सके। हालांकि, दिव्या ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और अमेरिका जाकर तलाक फाइल करने की धमकी दी।

प्रसन्ना शंकर ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने कानूनी हस्तक्षेप की मांग की, तो दिव्या ने झूठा अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया। चेन्नई पुलिस ने आधी रात को उनके होटल में छापा मारा, जिससे उन्हें अपने बेटे के साथ भागना पड़ा। वहीं, दिव्या का दावा है कि प्रसन्ना ने उनके बेटे को जबरन भारत लाकर उन्हें उससे अलग कर दिया।

प्रसन्ना शंकर को एक ब्रिलियंट टेक माइंड के रूप में जाना जाता है। उन्होंने Rippling के अलावा Op.com नामक एक सिंगापुर बेस्ड क्रिप्टो सोशल नेटवर्क की भी स्थापना की है। करियर की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद, उनकी निजी जिंदगी अब कानूनी उलझनों और विवादों का केंद्र बन गई है।

समाज में पुरुषों के अधिकारों पर नई बहस

इस पूरे मामले ने एक और महत्वपूर्ण विषय को चर्चा में ला दिया है—झूठे आरोपों में फंसने वाले पुरुषों का मुद्दा। हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पुरुषों ने फॉल्स रेप केस के आरोप लगाए हैं। प्रसन्ना शंकर का मामला भी इसी बहस को और तेज कर रहा है।

कौन सही है और कौन गलत, यह तय करना अदालत का काम है। इस कहानी का अंत क्या होगा, यह अभी साफ नहीं है। लेकिन एक बात निश्चित है—प्रसन्ना शंकर की यह निजी लड़ाई अब सिर्फ कानूनी दस्तावेजों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक पब्लिक स्पेक्टेकल बन चुकी है।

समाज में पुरुषों और महिलाओं दोनों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। झूठे आरोप किसी भी तरफ से हों, वे कानून और इंसाफ की नींव को कमजोर करते हैं।

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