भारतीय वायुसेना की स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह ने इतिहास रच दिया है। वह भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं, जिन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस को सफलतापूर्वक उड़ाया। यह उपलब्धि केवल उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके साथ ही अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत भी भारत की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं। ये तीनों महिलाएं 2016 में वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल की गई थीं, जब भारतीय वायुसेना ने महिलाओं के लिए लड़ाकू विमान पायलट बनने के दरवाजे खोले थे।
मोहना सिंह ने भारतीय वायुसेना में अपनी यात्रा 8 साल पहले शुरू की थी। उनके साथ अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत को भी लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। शुरुआती दिनों में ये तीनों पायलट वायुसेना के विभिन्न लड़ाकू विमानों जैसे मिग-21 और अन्य प्रशिक्षण विमानों को उड़ाते थे। समय के साथ, ये महिलाएं अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण भारतीय वायुसेना के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों, Su-30MKi और स्वदेशी LCA तेजस, का हिस्सा बनीं।
LCA तेजस भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान है। यह विमान हल्का और तेज है, जिसे भारतीय वायुसेना के भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह विमान न केवल आधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि इसकी निर्माण प्रक्रिया भी पूरी तरह से भारत में ही की गई है।
मोहना सिंह का LCA तेजस को सफलतापूर्वक उड़ाना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय महिलाएं भी अब इस अत्याधुनिक तकनीक का हिस्सा बन रही हैं। मोहना सिंह ने LCA तेजस के 'फ्लाइंग बुलेट्स' स्क्वॉड्रन में शामिल होकर एक नई मिसाल कायम की है। यह स्क्वॉड्रन भारतीय वायुसेना के सबसे विशिष्ट और सम्मानित स्क्वॉड्रनों में से एक है।
मोहना सिंह की यह ऐतिहासिक उड़ान न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस उपलब्धि ने देश की उन तमाम बेटियों के लिए नए रास्ते खोले हैं जो भारतीय वायुसेना में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। यह सफलता उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है जो पारंपरिक सीमाओं को तोड़कर समाज में अपनी अलग पहचान बनाने का सपना देखती हैं।
वायुसेना ने 2016 में महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोले और आज देश में 20 महिला फाइटर पायलट हैं। यह कदम महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। महिला पायलटों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और इससे यह साफ है कि भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए अवसरों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
मोहना सिंह हाल ही में जोधपुर में आयोजित 'तरंग शक्ति' अभ्यास का हिस्सा थीं, जो एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था। इस अभ्यास में अमेरिका, ग्रीस, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, और अन्य कई देशों की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देना और भारतीय स्वदेशी हथियारों और तकनीक का समर्थन करना था। इस अभ्यास में मोहना ने न केवल LCA तेजस को उड़ाया बल्कि भारतीय सेना और नौसेना के उप प्रमुखों को निर्देश देने और प्रशिक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय वायुसेना ने महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर देने के प्रयास किए हैं। न केवल लड़ाकू विमान उड़ाने में, बल्कि वायुसेना के विशेष कमांडो ग्रुप 'गरुड़' में भी महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। यह एक अत्यंत चुनौतिपूर्ण और प्रतिष्ठित ग्रुप है, जो विशेष मिशनों के लिए प्रशिक्षित है। महिलाएं अब इस ग्रुप का हिस्सा बनने के लिए कठिन चयन प्रक्रिया से गुजर रही हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि भारतीय सेना अब महिलाओं को हर स्तर पर अपनी क्षमताओं को साबित करने के अवसर दे रही है।
भारतीय वायुसेना ने 2 दिसंबर 2023 को अपने नॉन-ऑफिसर कैडर में 153 महिला अग्निवीर वायु (महिला) को शामिल किया। इनकी ट्रेनिंग कर्नाटक के बेलगावी एयरमेन ट्रेनिंग स्कूल में हुई। यह कदम महिलाओं के लिए एक और बड़ा अवसर है, जहां वे वायुसेना के निचले स्तर पर शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत कर सकती हैं और भविष्य में ऊंचे पदों तक पहुंच सकती हैं। इसके साथ ही वायुसेना में 2280 नए रिक्रूट्स भी शामिल हुए।
मोहना सिंह की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज भारतीय वायुसेना में 20 महिला फाइटर पायलट हैं, और यह संख्या आने वाले वर्षों में और बढ़ने की संभावना है। वायुसेना के इस कदम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का मौका देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोहना सिंह की इस ऐतिहासिक उड़ान ने उन्हें न केवल भारतीय वायुसेना में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उनकी यह सफलता केवल उनके लिए ही नहीं बल्कि उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की चाहत रखती हैं।
स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह की यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना और पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह साबित करता है कि महिलाओं को समान अवसर दिए जाएं तो वे किसी भी क्षेत्र में अपनी जगह बना सकती हैं। भारतीय वायुसेना की ताकत और गौरव में यह नई पीढ़ी का योगदान आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण होगा।
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