राजधानी में स्थित मेदांता अस्पताल में एक घटना सामने आई है, जिसमें गैस की समस्या से पीड़ित मरीज को हार्ट सर्जरी की सलाह दे दी गई थी। डॉक्टरों ने आगामी आधे घंटे में इलाज न करने की चेतावनी दी, जिससे मरीज को जान का खतरा था। परिजनों से 8 लाख रुपये की मांग की गई, लेकिन इसके अभाव में उन्होंने किसी तरीके से मेदांता से डिस्काउंट पर डिस्स चार्ज करवा लिया। बाद में, मरीज ने दूसरे अस्पताल में भर्ती होने का फैसला किया, जहां पर 125 रुपये की दवा और तीन इंजेक्शन में मरीज को ठीक किया गया। पीड़ित ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और अपने पैसे वापस करने के लिए सीएम योगी से गुहार लगाई है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी बीते दिनों मां के इलाज के दौरान मेदांता अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चार दिनों में अस्पताल ने उनसे 4 लाख रुपये ले लिए, लेकिन मां को होश तक नहीं आया। उन्होंने बताया कि जब उनकी मां को सांस की समस्या हुई तो उस दौरान वो बिहार में चुनाव प्रचार में लगे थे। उन्होंने कहा कि जब हमारे जैसों को लूट रहे हैं तो गरीबों को भी लूटा जा रहा है। ओम प्रकाश राजभर के आरोपों पर अब मेदांता अस्पताल लखनऊ ने सफाई दी थी।