पूर्वी चंपारण: महावीर मंदिर न्यास द्वारा पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इस मंदिर की ऊंचाई को 270 फीट करने के प्रस्ताव को राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) से मंजूरी मिल गई है। मंदिर की ऊंचाई को लेकर राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद यह फैसला लिया गया है।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने जानकारी दी कि पहले इस मंदिर की ऊंचाई 225 फीट तय की गई थी, जो कंबोडिया के प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर से थोड़ी अधिक थी। अंकोरवाट मंदिर की ऊंचाई 220 फीट है। हालांकि, कंबोडिया सरकार की आपत्ति के बाद मंदिर के डिजाइन में संशोधन किया गया और इसकी ऊंचाई 270 फीट कर दी गई। मंदिर की चौड़ाई 540 फीट और लंबाई 1080 फीट होगी।
आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मंदिर देश का सबसे बड़ा मंदिर बनने जा रहा है। इस मंदिर के 3246 भूगर्भ खंभों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब ऊपरी खंभों का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर में कुल 2101 पिलर होंगे, जिसमें से भूतल पर 853, प्रथम तल पर 572, द्वितीय तल पर 540, और शिखर के लिए 136 पिलर होंगे।
इस मंदिर के निर्माण के लिए 4,47,436 वर्गफुट क्षेत्र को पर्यावरण मंजूरी मिली है, जिसमें से 3,82,729 वर्गफुट क्षेत्र में मंदिर का निर्माण होगा और 64,710 वर्गफुट क्षेत्र सर्विस एरिया के लिए होगा।
विराट रामायण मंदिर परिसर में एक विशाल शिवगंगा का निर्माण किया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 1,36,705 वर्गफुट होगा। यह सरोवर अर्धवृत्ताकार आकार का होगा। मंदिर की मुख्य संरचना का निर्माण दो वर्षों में पूरा होने का अनुमान है। मंदिर में कुल 12 शिखर होंगे, जिसमें दूसरा सबसे बड़ा शिखर 198 फीट का होगा। इसके अलावा 180 और 108 फीट के 4-4 शिखर और एक 135 फीट ऊंचाई का शिखर होगा। मंदिर में ब्लैक ग्रेनाइट से बने एक विशाल शिवलिंग की स्थापना भी की जाएगी, जिसका निर्माण महाबलिपुरम में हो रहा है। इस सहस्रलिंगम की ऊंचाई 33 फीट और गोलाई भी 33 फीट होगी, और इसका वजन 210 मीट्रिक टन होगा।
आचार्य किशोर कुणाल ने इस परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी प्रदान करने पर सिया के अध्यक्ष प्रो अतुल आदित्य पांडेय, सदस्य सचिव अभय कुमार और मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष गोपाल शर्मा का आभार व्यक्त किया।
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