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ममता बनर्जी पर तीनतरफा दबाव: कोलकाता कांड से उपजा राजनीतिक, प्रशासनिक और घरेलू संकट

ममता बनर्जी पर तीनतरफा दबाव: कोलकाता कांड से उपजा राजनीतिक, प्रशासनिक और घरेलू संकट

ब्रेकिंग न्यूज

  •  21 Aug 2024
  •  शिवंलेख
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष ममता बनर्जी इस समय तीन अलग-अलग मोर्चों पर संकट का सामना कर रही हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना कर रही ममता बनर्जी अब प्रशासनिक और न्यायिक दबाव में भी आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में ममता सरकार की निष्क्रियता पर कड़ी फटकार लगाई और अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की।

सिर्फ राजनीतिक और न्यायिक मोर्चे ही नहीं, ममता बनर्जी को अब घरेलू मोर्चे पर भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता बनर्जी के भतीजे, पार्टी महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता कांड पर पार्टी के विरोध-प्रदर्शनों और मार्च से खुद को दूर रखा है। कहा जा रहा है कि अभिषेक इस मामले को संभालने के तरीकों से नाखुश हैं और इसलिए उन्होंने पार्टी के मीडिया प्रबंधन से भी दूरी बना ली है।

इस बीच, ममता बनर्जी ने पार्टी की मीडिया कनेक्टिविटी मजबूत करने और मीडिया निगरानी के लिए एक नई चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के दौरान अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और TMC ने राज्य की 42 में से 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। संसद के बजट सत्र में भी अभिषेक का आक्रामक रुख देखने को मिला था।

हालांकि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के कथित रेप और मर्डर के मामले पर मचे हंगामे के बाद से अभिषेक बनर्जी ने चुप्पी साध ली है। उन्होंने सिर्फ एक बार इस मामले पर प्रतिक्रिया दी, जब 14-15 अगस्त को "रिक्लेम द नाइट" विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में गुंडों ने तोड़फोड़ की थी।

अभिषेक ने इस घटना पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है। मैंने @CPKolkata से बात की और उनसे आग्रह किया कि वे हिंसा के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को कानून के दायरे में लाएं, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।" उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगों को भी उचित और न्यायसंगत बताया, और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अभिषेक बनर्जी की इस टिप्पणी को राज्य सरकार और पुलिस की कार्यशैली की आलोचना के रूप में देखा गया। इसके बाद, टीएमसी के सांसद शुखेंदु शेखर रॉय ने भी पुलिस पर नाराजगी जताई, जिसके चलते कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन जारी किया।

पार्टी के भीतर पहले से ही एक गुटबाजी की स्थिति है, जिसमें ममता बनर्जी के पुराने साथी और अभिषेक बनर्जी के समर्थकों के बीच तनाव है। ममता बनर्जी इस गुटबाजी से पहले से वाकिफ हैं, लेकिन चुनावों में उन्होंने इसे सफलतापूर्वक संभाल लिया था। अब देखना होगा कि वह इस नए संकट से कैसे निपटेंगी।

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