वाराणसी, उत्तर प्रदेश - काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 के समीप सिल्को गली में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। एक 4 मंजिला मकान ढहने से एक परिवार के लगभग 8-9 लोग फंस गए। फायर कंट्रोल रूम चेतगंज को जैसे ही सूचना मिली, तुरंत एक रेस्क्यू टेंडर और एक फायर टेंडर मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ की टीम भी तत्पश्चात पहुंची और ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया। अभी तक 5 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
रात में हुए इस हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। खोवा गली चौराहे पर स्थित 70 साल पुराने मकान अचानक धराशायी हो गए, जिनमें नौ लोग मलबे में दब गए। इन मकानों के मालिक राजेश गुप्ता और मनीष गुप्ता थे, और प्रसिद्ध जवाहिर साव कचौड़ी वाले की दुकान के ऊपर स्थित थे।
इस हादसे में नौ लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक सिपाही और एक महिला पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्भाग्य से, एक महिला प्रेमलता की मौत हो गई है।
मकान मालिक अशोक यादव और गोरख यादव ने बताया कि देर रात वे मकान की छत पर सोए हुए थे और मकान को हिलता महसूस कर उन्होंने बरामदे के रास्ते दूसरे के छत पर छलांग लगा दी। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को कई बार जर्जर मकान की शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक संवेदना जताई है और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में लगभग 50 लोगों को नोटिस जारी की गई है ताकि उनकी मरम्मत करवा दी जाए और नगर निगम के माध्यम से उन्हें कहीं और रहने का आदेश दिया गया है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने स्पष्ट किया कि ये प्रभावित मकान मंदिर न्यास के क्षेत्र से बाहर स्थित थे और कॉरिडोर के किसी भी भवन अथवा बाउंड्री से सटे हुए नहीं थे। मंदिर प्रशासन का किसी भी बाहरी संपत्ति के निर्माण, ध्वस्तीकरण या अन्य किसी कार्य से कोई सरोकार नहीं है। वर्तमान समय में मंदिर न्यास किसी भी भूमि अथवा भवन के क्रय पर विचार नहीं कर रहा है।
मकान ढहने के बाद मौके पर करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और गोदौलिया से मैदागिन मार्ग को बंद कर दिया गया है। सावन के सोमवार के एक दिन बाद हुए इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है, और लोग अपने-अपने छतों से घटनास्थल को देख रहे थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है, और प्रशासन घायलों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
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