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इटावा में पारिवारिक संपत्ति विवाद बना जानलेवा, भाई ने बहन और मासूम भांजी को मारी गोली

इटावा में पारिवारिक संपत्ति विवाद बना जानलेवा, भाई ने बहन और मासूम भांजी को मारी गोली

क्राइम

  •  12 Feb 2025
  •  शिवंलेख
  •  7 Min Read
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उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां संपत्ति विवाद के चलते एक भाई ने अपनी ही बहन और मासूम भांजी की बेरहमी से हत्या कर दी। यह मामला इटावा शहर की फ्रेंड्स कॉलोनी का है, जहां रिटायर्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) लवकुश चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान ने अपनी बहन ज्योति चौहान और तीन साल की भांजी की गोली मारकर हत्या कर दी।

रिटायर्ड सीएमओ लवकुश चौहान ने अपनी बेटी ज्योति के नाम मकान और 20 बीघा जमीन कर दी थी। इसी संपत्ति को लेकर भाई-बहन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। हर्षवर्धन चौहान अपनी बहन और पिता से इस फैसले को लेकर अक्सर झगड़ता था। संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवार में लगातार तनाव बना हुआ था, लेकिन किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि यह विवाद इतना भयावह रूप ले लेगा।

घटना वाले दिन घर में सामान्य माहौल था। ज्योति की तीन साल की बेटी अपने पालतू खरगोश के साथ खेल रही थी और पति लैपटॉप पर काम कर रहे थे। अचानक, हर्षवर्धन अपने दोनों बेटों के साथ घर में दाखिल हुआ और अपनी बहन पर गोली चला दी। गोली लगते ही ज्योति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

इसके बाद, आरोपी ने मासूम बच्ची के माथे पर कट्टा रखकर उसे भी गोली मार दी। इस निर्मम हत्या के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

मृतका के पति ने घटना की भयावहता को बयां करते हुए बताया, "मैं लैपटॉप पर काम कर रहा था और मेरी बेटी अपनी मां के साथ खेल रही थी। तभी हर्षवर्धन कट्टा लेकर आया और मेरी पत्नी पर गोली चला दी। जैसे-तैसे मैंने खुद को बचाया और बाहर भागकर लोगों को बुलाने लगा। लेकिन तब तक हर्षवर्धन ने मेरी मासूम बेटी को भी गोली मार दी।"

उन्होंने आगे बताया कि हर्षवर्धन की पत्नी ने एक साल पहले उस पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद वह जबरदस्ती घर के एक कमरे में रहने लगी थी। ज्योति और उनके पति ने कई बार पुलिस और तहसील प्रशासन से गुहार लगाई कि यह घर उनकी पत्नी ज्योति के नाम है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

इस मामले में मुख्य विवाद संपत्ति का था। पिता ने बेटे के बजाय बेटी को संपत्ति दी थी, जिससे हर्षवर्धन नाराज था। पिछले कुछ महीनों से विवाद और ज्यादा बढ़ गया था। दो दिन पहले ही दोनों पक्षों के बीच गेट लगाने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके चलते पुलिस को भी बुलाया गया था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह झगड़ा हत्या में तब्दील हो जाएगा।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हर्षवर्धन चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि मृतका ज्योति अपने पिता के साथ मायके में ही रहती थी और संपत्ति को लेकर भाई-बहन के बीच विवाद चल रहा था।

फ्रेंड्स कॉलोनी थाना प्रभारी ने बताया, "रात करीब 9:30 बजे सूचना मिली कि फ्रेंड्स कॉलोनी में गोलीबारी हुई है। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि भाई ने बहन और भांजी को गोली मार दी है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।"

इटावा की यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि संपत्ति को लेकर बढ़ते विवाद किस हद तक खतरनाक हो सकते हैं। परिवारों में बढ़ती लालच, गुस्सा और असहनशीलता ऐसे जघन्य अपराधों को जन्म दे रही है।

सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लें और बेटियों को संपत्ति में अधिकार देने के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, समाज को भी यह समझने की जरूरत है कि संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवन और रिश्ते होते हैं।

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