लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। मिश्राना मोहल्ले में सोमवार रात छात्र देव सेठ की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रही थी, लेकिन यह हकीकत थी, जो इंसानियत की हदें पार कर चुकी थी। इस निर्मम हत्या ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।
देव सेठ की हत्या कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि इसकी पृष्ठभूमि कुछ दिनों पहले ही बन चुकी थी। मुख्य आरोपी अनमोल पुरी को हाल ही में बाइक चोरी के आरोप में स्थानीय भीड़ ने पकड़कर पीटा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे अनमोल बेहद गुस्से में आ गया। उसे लगा कि इस वीडियो के पीछे देव का हाथ है, और उसने इसका बदला लेने की ठान ली।
बदले की आग में जलते हुए, अनमोल ने सोशल मीडिया पर एक धमकी भरी पोस्ट डाली, जिसमें उसने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी थी। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि यह धमकी इतनी जल्दी इतनी भयानक हकीकत में बदल जाएगी।
सोमवार देर रात देव सेठ अपने मोहल्ले में टहलने के लिए निकला था। यह आम दिनों की तरह ही एक शांत रात थी, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही पलों में यह रात खूनी खेल का गवाह बनने वाली है।
जैसे ही देव सड़क पर निकला, अनमोल और उसके साथी वहां आ धमके। पहले कहासुनी हुई, लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि अनमोल ने तमंचा निकाल लिया। अपनी जान बचाने के लिए देव जानबूझकर सड़क पर दौड़ पड़ा। लेकिन हत्यारे भी पूरी तैयारी के साथ आए थे। वे उसका पीछा करने लगे, और देव अपनी जान बचाने के लिए दौड़ता हुआ एक किताबों की दुकान में घुस गया।
देव को लगा कि दुकान के अंदर वह सुरक्षित रहेगा, लेकिन हत्यारों की प्यास इतनी जल्दी बुझने वाली नहीं थी। वे दुकान के अंदर घुस आए। देव अपनी स्कूटी के पीछे छिपने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अनमोल ने करीब से उसके सीने पर गोली दाग दी। गोली देव के शरीर को चीरते हुए निकल गई और वह मौके पर ही गिर पड़ा।
इस घटना में दुकान पर बैठे एक अन्य युवक, आदित्य कश्यप, भी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
इस पूरी घटना का खौफनाक मंजर दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से देव अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहा था और किस तरह से हत्यारे उसे घेर कर दुकान के अंदर ही मौत के घाट उतार देते हैं। यह वीडियो सामने आते ही पूरे शहर में सनसनी फैल गई और लोगों में डर और गुस्से का माहौल बन गया।
इस नृशंस हत्या के बाद देव के पिता ने मुख्य आरोपी अनमोल पुरी समेत पांच अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुधवार को अनमोल पुरी उर्फ बाला, तनू अवस्थी और उत्कर्ष सिंह को रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद अनमोल की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया 315 बोर का तमंचा, दो जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस पूरी घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—आखिर अपराधी इतने बेखौफ क्यों हो गए हैं? पुलिस चौकी से कुछ ही कदमों की दूरी पर इस तरह की नृशंस हत्या होना यह दर्शाता है कि अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं रह गया है।
शहर के लोगों में इस घटना के बाद से डर का माहौल है। लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि अगर कानून व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि कोई भी खुलेआम बदला लेने के लिए हत्या कर सकता है, तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा?
पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इस हत्या का असली इंसाफ मिलेगा? क्या यह मामला भी वक्त के साथ कहीं खो जाएगा और फाइलों में दबकर धूल खा जाएगा?
इस घटना ने समाज में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। ऐसे अपराधों पर सख्त रोक लगाने और दोषियों को कठोरतम सजा देने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई और देव इस तरह की निर्मम हत्या का शिकार न बने।
अब देखने वाली बात यह होगी कि कानून कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से इस मामले में दोषियों को सजा दिला पाता है। समाज में बढ़ती हिंसा और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले खुलेआम धमकियों पर किस तरह लगाम लगाई जाए, यह भी एक अहम मुद्दा बन चुका है।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा समाज एक ऐसे दौर में पहुंच चुका है, जहां बदले की भावना इंसानियत से ज्यादा मजबूत हो गई है? या फिर हम अब भी समय रहते इस अपराध प्रवृत्ति पर लगाम लगा सकते हैं?
लखीमपुर खीरी की यह घटना सिर्फ देव सेठ की हत्या की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की ढीली पकड़ की भी गवाही देती है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे शहर, गलियां और मोहल्ले अब सुरक्षित नहीं रहे? जब तक अपराधियों के मन में कानून का डर नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं लेंगी।
अब देखने वाली बात होगी कि कानून इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से दोषियों को सजा दिला पाता है।
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