लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में अपराधियों के बढ़ते हौसले ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लखनऊ के कोरी थाना क्षेत्र के बेहटा गांव में एक सनसनीखेज हत्याकांड हुआ, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। 29 वर्षीय युवक अंकित राजपूत को दिनदहाड़े गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, अंकित राजपूत बेहटा गांव के रहने वाले थे और एक दुकान के बाहर खड़े थे। तभी वहां कुछ लोगों से उनकी बहस हो गई, जो जल्द ही झगड़े में बदल गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि विवाद के बीच किसी ने अचानक तमंचा निकालकर अंकित पर गोली चला दी। गोली लगने के बाद अंकित गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश का एंगल भी हो सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना से पहले अंकित के कुछ परिचित पान की दुकान पर खड़े थे और उनका वहां कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। बाद में अंकित वहां पहुंचे और उन लोगों को बुलाया, जिससे विवाद और बढ़ गया। झगड़ा इतना उग्र हो गया कि एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर गोली चला दी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति कौन था। पुलिस ने कुछ संदिग्धों के नामों की पहचान कर ली है और मामले की गहराई से जांच कर रही है।
इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। मृतक के जीजा रामू की तहरीर पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।
लखनऊ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, "हम इस मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह पुरानी रंजिश का मामला लग रहा है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही सटीक कारण सामने आ पाएगा। जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।"
राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या अपराधियों में पुलिस और कानून का कोई डर नहीं रह गया है? क्या बदमाश इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे सरेआम तमंचा निकालकर गोलियां चला रहे हैं? पिछले कुछ महीनों में लखनऊ में कई आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें हत्या, लूट और गैंगवार जैसी वारदातें शामिल हैं।
विपक्षी दलों ने भी इस घटना पर राज्य सरकार को घेरा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की आलोचना की है और कानून व्यवस्था को सख्त करने की मांग की है।
इस हत्याकांड के बाद बेहटा गांव के लोगों में दहशत फैल गई है। स्थानीय निवासी इस तरह की घटनाओं से परेशान हैं और प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "हम अपने काम-धंधे में लगे रहते हैं, लेकिन जब इस तरह की वारदातें होती हैं, तो डर लगता है। हमें नहीं पता कि कब, कौन, किससे दुश्मनी निकाल ले और किसी पर भी हमला कर दे। पुलिस को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस इस घटना के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर पाएगी और अपराधियों के हौसले पस्त कर पाएगी? या फिर यह मामला भी अन्य अपराधों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?
हालांकि, पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि जल्द ही इस मामले में दोषियों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन जब तक अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अपराधों पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
लखनऊ में खुलेआम हुई इस हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं। यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गई है, जिसे जल्द सुलझाने की जरूरत है। अगर अपराधियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो आम जनता का कानून व्यवस्था से भरोसा उठ सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस घटना को लेकर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और अपराधियों को सजा दिलाने में कितना सफल होता है।
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