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तमिल अभिनेत्री श्रुति नारायण का अश्लील वीडियो वायरल : सच या डीपफेक का खतरनाक खेल? , श्रुति नारायण ने तोड़ी चुप्पी

तमिल अभिनेत्री श्रुति नारायण का अश्लील वीडियो वायरल

क्राइम

  •  31 Mar 2025
  •  शिवंलेख
  •  10 Min Read
  •  68
  •  3

सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसने पूरे इंटरनेट को हिला कर रख दिया। इस वीडियो में दिखने वाली लड़की की पहचान को लेकर हर कोई अटकलें लगा रहा था। यह वीडियो कथित तौर पर तमिल अभिनेत्री श्रुति नारायण का बताया जा रहा है, जो हाल ही में तेजी से उभरती हुई कलाकारों में से एक हैं। अचानक सुर्खियों में आईं श्रुति के लिए यह वीडियो किसी बुरे सपने से कम नहीं था।

सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते इस वीडियो ने कई सवाल खड़े कर दिए। क्या यह वीडियो असली है? क्या यह एक और डीपफेक (Deepfake) तकनीक का शिकार है? क्या किसी ने जानबूझकर अभिनेत्री की छवि खराब करने की कोशिश की है? या फिर यह एक वास्तविक लीक है?

श्रुति नारायण ने तोड़ी चुप्पी, छलका दर्द

जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो हर कोई श्रुति नारायण की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा था। आखिरकार, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी चुप्पी तोड़ी और इस घटना पर खुलकर बात की। उनके बयान में गुस्सा, दर्द और बेबसी साफ झलक रही थी।

श्रुति नारायण ने कहा:

"यह सिर्फ एक मजाक नहीं है, यह मेरी जिंदगी है। मेरा परिवार, मेरे रिश्तेदार – आप इसे और बदतर बना रहे हैं। इंसान बनो, चाहे असली हो या डीपफेक, इसे फैलाना अपराध है और कानून इसका जवाब देगा।"

उनके इस बयान से यह साफ जाहिर हुआ कि वीडियो के प्रसार से वे कितनी आहत हुई हैं। उन्होंने उन लोगों को कड़ी फटकार लगाई जो बिना सच्चाई जाने वीडियो को साझा कर रहे थे।

Tamil actress Shruti Narayan viral video link

क्या यह वास्तव में श्रुति नारायण का वीडियो है?

वायरल वीडियो में दिखने वाली लड़की का चेहरा बहुत हद तक श्रुति नारायण से मिलता-जुलता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह वास्तव में वही हैं? डीपफेक और एआई टेक्नोलॉजी (AI Technology) के बढ़ते प्रभाव के कारण अब फर्जी वीडियो बनाना आसान हो गया है।

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप लर्निंग तकनीक का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति का चेहरा और आवाज बदलना संभव हो गया है। ऐसे में यह कहना मुश्किल हो जाता है कि वीडियो असली है या किसी ने इसे एडिट कर श्रुति नारायण जैसा दिखाने की कोशिश की है।

कुछ लोगों का मानना है कि यह वीडियो पूरी तरह से डीपफेक टेक्नोलॉजी का नतीजा है, जबकि कुछ लोग इसे असली मानकर अभिनेत्री की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी आधिकारिक एजेंसी ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और मानसिक उत्पीड़न

जब कोई ऐसा वीडियो वायरल होता है, तो उसकी सबसे ज्यादा मार उस व्यक्ति पर पड़ती है, जिसके नाम से वह जुड़ा होता है। श्रुति नारायण के मामले में भी यही हुआ।

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस वीडियो को साझा किया, मीम्स बनाए और भद्दी टिप्पणियां कीं। कुछ ने इसे लेकर अनावश्यक चर्चाएं शुरू कर दीं, जबकि कुछ ने अभिनेत्री का समर्थन भी किया। इस पूरी घटना ने न केवल श्रुति की मानसिक स्थिति पर असर डाला, बल्कि उनके परिवार को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा।

श्रुति ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा:

"मैं भी एक लड़की हूं, मेरी भी फैमिली है, मेरे करीब रिश्तेदार हैं। लेकिन आप लोग मेरी सिचुएशन को और बुरा बना रहे हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि इस वीडियो को आग की तरह ना फैलाएं। अगर फैलाना है, तो पहले जाकर अपनी मां, बहन या गर्लफ्रेंड के वीडियो देखें, उनकी भी वही बॉडी है जैसी मेरी है।"

उनके इस बयान से यह साफ हुआ कि वे इस स्थिति से बेहद आहत हैं और सोशल मीडिया पर मौजूद ट्रोलिंग और नफरत से परेशान हो चुकी हैं।

डीपफेक: एक खतरनाक तकनीक का साइड इफेक्ट

यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी महिला सेलिब्रिटी को डीपफेक स्कैंडल का शिकार बनाया गया हो। इससे पहले भी कई अभिनेत्रियों और मशहूर हस्तियों के नकली वीडियो बनाए गए हैं।

डीपफेक टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत हो गई है कि यह असली और नकली के बीच के अंतर को मिटा सकती है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसी के चेहरे को आसानी से मॉर्फ किया जा सकता है और उसकी आवाज को हूबहू नकल किया जा सकता है।

डीपफेक तकनीक के खतरे:

  • छवि खराब करने का हथियार: किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • झूठी जानकारी फैलाने का साधन: राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भ्रम फैलाने के लिए इसे उपयोग किया जा सकता है।
  • मानसिक उत्पीड़न का कारण: इस तरह के वीडियो पीड़ित की मानसिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

श्रुति नारायण ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जो लोग इस वीडियो को फैला रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। भारत में आईटी एक्ट और साइबर क्राइम लॉ के तहत किसी भी व्यक्ति की छवि खराब करने के लिए झूठे वीडियो बनाना और फैलाना गंभीर अपराध है।

ऐसे मामलों में क्या करें?

  • यदि आप किसी डीपफेक वीडियो का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रिपोर्ट करके वीडियो को हटाने की मांग करें।
  • सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करें और लोगों से सहयोग की अपील करें।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वीडियो असली था या फिर तकनीक का एक और घातक खेल? क्या इसके पीछे कोई साजिश है या फिर सिर्फ कुछ लोगों का मनोरंजन? यह रहस्य कब सुलझेगा, यह कहना मुश्किल है।

लेकिन एक बात तो तय है – सोशल मीडिया की ताकत और गलत इस्तेमाल से किसी की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें, बिना किसी प्रमाण के अफवाहों पर विश्वास न करें और किसी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप न करें।

श्रुति नारायण के मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इंटरनेट के अंधेरे कोनों में सच और झूठ के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है। अब देखना यह है कि इस मामले की सच्चाई कब सामने आती है और क्या दोषियों को सजा मिलती है या यह मामला भी इंटरनेट की गुमनामी में खो जाएगा।

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