प्रतापगढ़: जिला ग्रामोद्योग अधिकारी राम करन दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना (एमएमजीआरआई) वर्ष 2024-25 के लिए ऋण आवेदन पत्र प्राप्त करने हेतु मुख्यालय लखनऊ से लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम ऋण सीमा 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है। वित्त पोषण की व्यवस्था सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से की जाएगी। योजना के तहत पूंजीगत ऋण पर ब्याज उपादान भुगतान की व्यवस्था है, जिसके तहत सामान्य वर्ग के पुरुष अभ्यर्थी को पूंजीगत ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा और शेष ब्याज का भुगतान ब्याज उपादान के रूप में किया जाएगा। महिला और अन्य आरक्षित वर्ग के लिए ब्याज की पूरी राशि का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा।
योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लाभार्थी को प्रोजेक्ट कास्ट का 10 प्रतिशत और महिला एवं अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 5 प्रतिशत अंशदान प्रोजेक्ट में स्वयं लगाना अनिवार्य है। ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार, परम्परागत कारीगर, और आईटीआई आदि योग्यता धारण करने वाले अभ्यर्थी 02 जुलाई 2024 तक ऑनलाइन फार्म भरकर आवेदन पत्र की हार्डकॉपी कार्य दिवस में कार्यालय में जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट cmegp.data.center.co.in पर किया जा सकता है।
देश में जनसंख्या के साथ-साथ बेरोजगारी भी निरंतर बढ़ती जा रही है, जिसमें युवा बेरोजगारों की संख्या अधिक है। केंद्र और राज्य सरकारें बेरोजगारों की संख्या को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए समय-समय पर कई योजनाएँ चलाई जाती हैं, जिससे युवा बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। उत्तर प्रदेश में भी ग्रामीण क्षेत्रों के युवा बेरोजगारों की संख्या बड़े पैमाने पर है, जो शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को 10 लाख रुपये तक का ऋण आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान किया जाएगा, ताकि वे स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें। यह सरकार की एक शानदार पहल है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य का समग्र विकास होगा। तकनीकी और व्यवहार्यता के अनुसार बैंकों से परियोजना की मंजूरी प्रदान की जाएगी।
आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक और दिव्यांग) के युवाओं को समस्त ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में विभाग से मात्र टर्म लोन (पूंजीगत ऋण) पर अनुमन्य है। सामान्य श्रेणी के पुरुष लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी के लाभार्थियों को 5 प्रतिशत अंशदान स्वयं लगाना होगा। सामान्य श्रेणी के पुरुषों को परियोजना लागत का 4 प्रतिशत ब्याज वहन करना होगा। आरक्षित वर्ग को ब्याज पर शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
यह योजना ग्रामीण इलाकों के युवाओं के लिए ही है। ग्राम प्रधान स्वरोजगार के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देगा। इस योजना में आईटीआई या पॉलिटेक्निक से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं, परंपरागत कारीगरों, सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत उद्यमियों, एसजीएसवाई और अन्य सरकारी योजनाओं से प्रशिक्षित युवा और स्वरोजगार में रुचि रखने वाले युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत नागरिकों की आर्थिक स्थिति और वर्ग के अनुसार उन्हें ऋण पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन पर वित्तीय बोझ न पड़े और वे आसानी से रोजगार कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हर वर्ष लाभार्थियों में 50 प्रतिशत आरक्षित वर्ग से होंगे। आवेदक को कम से कम कक्षा आठ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी: पासपोर्ट साइज का रंगीन फोटो, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र, तकनीकी योग्यता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आरक्षित वर्ग का जाति प्रमाण पत्र (जहाँ लागू हो), निवास प्रमाण पत्र, परियोजना के दस्तावेज, ग्राम प्रधान द्वारा अनापत्ति एवं जनसंख्या प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर आदि। आवेदक उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.upkvib.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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