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फिल्म समीक्षा: सारिपोधा सानिवारम

फिल्म समीक्षा: सारिपोधा सानिवारम

मनोरंजन

  •  30 Aug 2024
  •  शिवंलेख
  •  7 Min Read
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सरिपोधा सानिवारम 2024 की एक भारतीय तेलुगु भाषा की विजीलेंट एक्शन थ्रिलर फिल्म है। इस फिल्म में नानी ने सूर्या का किरदार निभाया है, जो एक गुस्सैल युवक है। सूर्या अपने माता-पिता (अभिरामी और साई कुमार) का लाडला बेटा है, लेकिन उसका गुस्सा उसकी सबसे बड़ी समस्या है।

विवेक एथरेया द्वारा लिखित और निर्देशित "सारिपोधा सानिवारम" एक तेलुगु एक्शन-ड्रामा है, जो 29 अगस्त को रिलीज़ हुई। करीब 2 घंटे 46 मिनट की इस फिल्म में पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ एक मनोरंजक मसाला तत्व को प्रस्तुत किया गया है। नानी, एसजे सूर्या, प्रियंका अरूल मोहन, मुरली शर्मा, साई कुमार, और अन्य प्रमुख कलाकारों ने इसमें भूमिका निभाई है। डीवीवी दानय्या और कल्याण दसारी द्वारा निर्मित इस फिल्म का संगीत जेम्स बेजाय ने दिया है और छायांकन जी मुरली द्वारा किया गया है।

सूर्या हमेशा से ही गुस्सैल स्वभाव का रहा है और जब भी कोई उसे परेशान करता है, वह हाथापाई पर उतर आता है। उसकी मां, छाया देवी, उसे गुस्से पर काबू पाने के लिए उपाय बताती हैं। सूर्या सप्ताह के छह दिन एक आम आदमी की तरह जीवन व्यतीत करता है और शनिवार के दिन अपने गुस्से को बाहर निकालता है। फिल्म में सूर्या की मुलाकात पुलिस अधिकारी दयानंद (एसजे सूर्या) से होती है, जो काल्पनिक इलाके सोकुलापुलोम के असहाय लोगों पर अपना गुस्सा निकालता है। सूर्या और दया एक ही समस्या से पीड़ित हैं, लेकिन दोनों का गुस्सा दिखाने का तरीका अलग है। नवनियुक्ति कांस्टेबल चारुलाता (प्रियंका मोहन) इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और सूर्या और दयानंद को एक साथ लाने का काम करती हैं। सूर्या और चारुलाता के बीच का रोमांस भी इस कहानी में एक नया मोड़ लाता है।

"सारिपोधा सानिवारम" की कहानी एक विजीलेंट एक्शन थ्रिलर है, जिसमें नानी ने सूर्या की भूमिका निभाई है। सूर्या, जो अपने माता-पिता (अभिरामी और साई कुमार) का लाडला बेटा है, गुस्से की समस्या से जूझ रहा है। वह सप्ताह के छह दिन शांत रहता है और शनिवार को अपने गुस्से को बाहर निकालता है। कहानी में एसजे सूर्या द्वारा निभाए गए पुलिस अधिकारी दयानंद का भी अहम रोल है, जो अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता है। सूर्या और दयानंद के बीच का टकराव फिल्म का मुख्य आकर्षण है, जिसमें नवनियुक्त कांस्टेबल चारुलता (प्रियंका मोहन) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

नानी ने सूर्या की भूमिका को बखूबी निभाया है। वह अपने गुस्से के कारण होने वाली समस्याओं को बड़ी सजीवता से प्रस्तुत करते हैं, जिससे दर्शक उनके चरित्र से जुड़ते हैं। एसजे सूर्या ने पुलिस अधिकारी दयानंद के किरदार को बेहतरीन तरीके से जीवंत किया है। उनकी और नानी की टकराव वाली दृश्य फिल्म को एक नया रंग देते हैं। प्रियंका मोहन ने भी चारुलता की भूमिका में उत्कृष्ट अभिनय किया है, जो सूर्या और दयानंद को जोड़ने का काम करती हैं। मुरली शर्मा, साई कुमार, अदिति बालन, हर्षवर्धन और अन्य सहायक कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं में अच्छा काम किया है।

फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी लंबाई है। 2 घंटे 46 मिनट का रन टाइम कुछ दर्शकों के लिए थोड़ा लंबा हो सकता है। फिल्म का पहला भाग मुख्य रूप से किरदारों के परिचय पर केंद्रित है, जो थोड़ा सुस्त लगता है। वहीं, दूसरा भाग तेजी से शुरू होता है, लेकिन क्लाइमैक्स तक आते-आते अपनी गति को खो देता है। भावनात्मक गहराई को बढ़ाने के लिए कुछ किरदारों का विस्तार किया जा सकता था। इसके अलावा, दयानंद का व्यवहार और उसकी क्रूरता को महिमा मंडित करना कुछ दर्शकों को असहज कर सकता है।

"सारिपोधा सानिवारम" विवेक एथरेया की एक और रोमांचक फिल्म है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि में एक अनूठा एक्शन-ड्रामा प्रस्तुत करती है। यह फिल्म आपके नियमित मसाला मनोरंजन से थोड़ी हटकर है, जिसमें हर एक हरकत के पीछे एक ठोस कारण है। हालांकि इसमें कुछ कमियां हैं, लेकिन फिल्म का चतुर लेखन और उत्कृष्ट अभिनय इसे एक यादगार अनुभव बनाता है। यदि आप एक संतुलित और अच्छी तरह से निर्देशित तेलुगु फिल्म की तलाश में हैं, तो "सारिपोधा सानिवारम" निश्चित रूप से देखने लायक है

निर्देशक: विवेक एथरेया
निर्माता: डीवीवी दानय्या, कल्याण दसारी
संगीत: जेम्स बेजाय
मुख्य कलाकार: नानी, एसजे सूर्या, प्रियंका अरुल मोहन, मुरली शर्मा, साई कुमार, शुभालेखा सुधाकर, अभिरामी, आदिति बालन
रिलीज डेट: 29 अगस्त 2024
समय अवधि: 2 घंटे 46 मिनट

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