This website uses cookies to ensure you get the best experience.

100 करोड़ की मांग, मानसिक स्थिति पर सवाल और संपत्ति का ब्योरा – राजा भैया और भानवी सिंह के विवाद में नया मोड़!

100 करोड़ की मांग, मानसिक स्थिति पर सवाल और संपत्ति का ब्योरा – राजा भैया और भानवी सिंह के विवाद में

राजनीति

  •  13 Mar 2025
  •  शिवंलेख
  •  7 Min Read
  •  21
  •  5

नई दिल्ली: जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और कुंडा से विधायक राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मामला अब सिर्फ तलाक तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि गुजारा भत्ता, संपत्ति, और कथित मानसिक स्थिति जैसे गंभीर आरोप-प्रत्यारोपों में तब्दील हो चुका है। इस विवाद पर अब राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भानवी सिंह पर कई आरोप लगाए और दावा किया कि उनका उद्देश्य केवल राजा भैया की छवि खराब करना है।

अक्षय प्रताप सिंह के अनुसार, भानवी सिंह ने अपने 'लक्जरी जीवन' के लिए राजा भैया से पहले 10 लाख रुपये और फिर 25 लाख रुपये की मांग की थी। अब, उन्होंने कोर्ट में 100 करोड़ रुपये की गुजारा भत्ता की मांग की है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि भानवी सिंह के पास पहले से ही अपार संपत्ति है और उन्हें किसी आर्थिक सहायता की आवश्यकता नहीं है।

"भानवी सिंह के पास कुंडा में 18 एकड़ जमीन है, नैनीताल में प्रॉपर्टी है, और दिल्ली के ग्रीन पार्क जैसे पॉश इलाके में मकान है, जिसका ग्राउंड फ्लोर एक लाख रुपये महीने में किराए पर दिया गया है। फिर भी, वह 100 करोड़ रुपये की मांग कर रही हैं।" – अक्षय प्रताप सिंह

उन्होंने कहा कि राजा भैया से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न भानवी सिंह दाखिल करती हैं और उनके पास ज्वेलरी और बैंक में पर्याप्त संपत्ति मौजूद है।

 

अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि यह विवाद कोर्ट में नहीं, बल्कि परिवार के भीतर ही सुलझाया जाना चाहिए था।

"कोई भी कानून यह नहीं कहता कि जो महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो, उसे पति से गुजारा भत्ता मिले। गुजारा भत्ता केवल उन महिलाओं को दिया जाता है जो पूरी तरह से पति पर निर्भर होती हैं। फिर भी, जो भी कोर्ट का फैसला होगा, राजा भैया उसे मानने के लिए तैयार हैं।"

 

भानवी सिंह ने राजा भैया के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया है। इसके अलावा, उन्होंने 18 अन्य लोगों पर भी एफआईआर करवाई है। इस पर अक्षय प्रताप सिंह ने सवाल उठाए कि आखिर इन साधारण लोगों को केस में क्यों घसीटा जा रहा है।

"हमसे नाराजगी होती तो केवल हम पर केस होता, लेकिन 18 अन्य लोगों पर भी आरोप लगाना दिखाता है कि यह सिर्फ राजा भैया की छवि धूमिल करने की कोशिश है।"

 

अक्षय प्रताप सिंह ने भानवी सिंह की मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठाए और दावा किया कि उनके परिवार में पहले भी इस तरह की समस्याएं रही हैं।

"उनकी बड़ी बहन का तलाक भी मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण हुआ था। अगर उनकी मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाए, तो साफ हो जाएगा कि मानसिक रूप से वह स्थिर नहीं हैं।"

इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि भानवी सिंह ने अपनी मां पर भी हाथ उठाया है और इसका वीडियो सबूत भी उनके पास मौजूद है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर यह सबूत भी सार्वजनिक किए जाएंगे।

 

अक्षय प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि वह अपने बड़े भाई के सम्मान के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।

"हम राजा भैया के लिए हमेशा चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। अगर उनकी प्रतिष्ठा पर कोई आंच आएगी, तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह केवल हम नहीं, बल्कि प्रतापगढ़ की जनता की भी भावना है।"

 

हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि भानवी सिंह कोई सकारात्मक पहल करती हैं, तो मामला सुलझाया जा सकता है।

"अगर वह कहती हैं कि हमारा हट जाना उनके लिए बेहतर होगा, तो हम उस पर भी विचार करने के लिए तैयार हैं। लेकिन राजा भैया से हमारा रिश्ता मरते दम तक बना रहेगा।"

 

वर्तमान में यह विवाद कोर्ट में है और मामला घरेलू हिंसा, तलाक और संपत्ति के बंटवारे तक पहुंच चुका है। राजा भैया और भानवी सिंह के बीच कानूनी लड़ाई आगे किस दिशा में जाती है, यह देखने वाली बात होगी।

एक तरफ, राजा भैया के समर्थकों का कहना है कि यह केवल बदनाम करने की साजिश है, जबकि दूसरी तरफ, भानवी सिंह अपने आरोपों पर कायम हैं। यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं रह गया है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक रूप से भी चर्चा का विषय बन गया है।

  राजा-भैया   भानवी-सिंह   तलाक-विवाद   100-करोड़-गुजारा-भत्ता   घरेलू-हिंसा-मामला   संपत्ति-विवाद   राजनीतिक-विवाद   जनसत्ता-दल   उत्तर-प्रदेश-राजनीति   कोर्ट-केस   Raja-Bhaiya   Bhanvi-Singh   Divorce-Dispute   100-Crore-Alimony   Domestic-Violence-Case   Property-Dispute   Political-Controversy   Jansatta-Dal   Uttar-Pradesh-Politics   Court-Case

कृपया अपने विचार साझा करें :

समाचार खोजें