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अपर जिलाधिकारी ने वज्रपात से बचाव हेतु एडवाइजरी की जारी

अपर जिलाधिकारी ने वज्रपात से बचाव हेतु एडवाइजरी की जारी

मौसम

  •  31 Jul 2024
  •  शिवंलेख
  •  6 Min Read
  •  23
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प्रतापगढ़। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, त्रिभुवन विश्वकर्मा ने जानकारी दी है कि मौसम विभाग (आई0एम0डी0) लखनऊ ने प्रदेश के कुछ जिलों में वर्षा/अतिवृष्टि/वज्रपात (आकाशीय विद्युत) की संभावना व्यक्त की है। इन चिन्हित जिलों में प्रतापगढ़ भी शामिल है, जो आगामी कुछ दिनों के लिए ऑरेंज और फिर येलो जोन में रहेगा। पिछले दिनों जनपद में वर्षा के साथ वज्रपात (लाइटनिंग) की घटनाएँ हो रही हैं।

उन्होने वज्रपात (आकाशीय विद्युत) से बचाव के संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊंची इमारतों, पेड़ों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है, जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है। विभिन्न आपदाओं के जोखिम को कम करने हेतु राहत एवं बचाव के कार्यों को और भी प्रभावी एवं सक्रिय बनाने के लिए एंड्रॉयड मोबाइल फोन के प्ले स्टोर से 'सचेत' एवं 'दामिनी' एप्स अनिवार्य रूप से डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। इन मोबाइल एप्स के माध्यम से प्राप्त पूर्व चेतावनी एवं एडवाइजरी का प्रभावी उपयोग कर होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।

एडवाइजरी में निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने की सलाह दी गई है:

  1. यदि आप खुले में हों तो तुरंत किसी पक्के मकान में शरण लें।
  2. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
  3. खिड़कियों, दरवाजों, बरामदे एवं छत से दूर रहें।
  4. बिजली के उपकरणों या तारों से संपर्क से बचें और बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें।
  5. तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाए रखें।
  6. समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें।
  7. जंगल में हों तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण लें।
  8. बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें।
  9. बाइक, बिजली या टेलीफोन के खंभे, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
  10. धातु से बने कृषि यंत्रों से अपने को दूर कर लें।
  11. आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत निकटतम प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाएं।
  12. स्थानीय रेडियो और अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
  13. खेत खलिहान में काम कर रहे हों और सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए हों तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रखें और यथाशीघ्र सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
  14. दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों से कानों को बंद कर अपने सिर को जमीन की तरफ यथासंभव शरीर को झुका लें और सिर को जमीन से न सटाएं।
  15. जमीन पर कदापि न लेटें, ऊंची इमारत वाले क्षेत्रों में शरण न लें।
  16. बिजली और टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण न लें।
  17. पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
  18. घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं।

वज्रपात के मामले में मृत्यु का तत्कालिक कारण हृदयाघात होता है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया (CPR), प्राथमिक चिकित्सा प्रारम्भ करें। संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो। यह सुनिश्चित कर लें कि पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही हो।

वज्रपात के बाद घर के अंदर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए। स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें। अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है तो तुरंत 112 पर कॉल करें और यथाशीघ्र पीड़ित को अस्पताल ले जाएं।

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